बुधवार, 17 जुलाई 2019

BUSINESS OF RAIKAS

शुरुआत में देवासी समाज सिर्फ और सिर्फ पशुपालन पर निर्भर रहता था लेकिन बढ़ते शिक्षा के जमाने और तकनीकी दौर में देवासी समाज ने व्यापार में भी हाथ आजमाना शुरू किया....

शुरुआत में देवासी लोग चाहते थे कि हमारे बच्चे ऐसे दर-दर जगह-जगह ना भटके तो उन्होंने अपने बच्चों को जो भी व्यापारी गण थे बड़े-बड़े उनके वहां नौकरी करने के लिए भेज दिया... बढ़ते समय के साथ बच्चों ने बड़ी-बड़ी शहरो में जाकर बड़े-बड़े व्यापार के बारे में नॉलेज लिया और धीरे धीरे अपना खुद का व्यापार शुरू किया इसी दम पर चलते चलते बड़े बड़े शहर मुंबई,हैदराबाद,चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद और पूरे भारतवर्ष के बड़े-बड़े शहरों में देवासियों, राईका समाज के बंधु पहुंच गए और अलग-अलग स्थानों पर अपने व्यापार को आगे बढ़ाना प्रारंभ किया राजस्थान के भी सभी जिलों में ज्यादातर मेवाड़ के सभी इलाकों में पाली जिले के ज्यादातर देवासी बंधु अपने कपड़ों के व्यापार में परचम लहरा रहे हैं मेवाड़ में केकड़ी, करेड़ा ,आसींद धरियावद, कांकरोली इन सभी जगह पर बहुत सारे देवासी समाज के पाली जिले के व्यापारी गण कपड़ों के व्यापार में सेवा कर रहे हैं

इसके अतिरिक्त पाली जालौर सिरोही के ज्यादातर समाज बंधु आसपास के छोटे बड़े शहरों में अपने व्यापार को आगे बढ़ा रहे हैं इसी के चलते कुछ लोगों ने शिक्षा को प्राप्त किया और शिक्षा के क्षेत्र में भी देवासी समाज के बहुत सारे बंधुओं ने सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए अच्छे पद प्राप्त किए।।





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HARIKISHAN DEWASI PALI



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